Shayari Dil se Dard tak
घिसकर चाहे चन्दन हो जाऊ तब भी महक नहीं मुझमे चाहे कोयल का गुंजन बन जाऊ तब भी चहक नहीं है मुझमे दरिया लांघ दू या पर्वत चढ़ जाऊ सुकून की झलक नहीं है मुझमे
By Sach